लेखिका ने बचपन में अपने भाइयों के साथ गिल्ली डंडा तथा पतंग उड़ाने जैसे खेल भी खेले किंतु लड़की होने के कारण उनका दायरा घर की चारदीवारी तक सीमित था। क्या आज भी लड़कियों के लिए स्थितियाँ ऐसी ही हैं या बदल गई हैं, अपने परिवेश के आधार पर लिखिए।

नहीं, आज लड़कियों के लिए स्थितियाँ ऐसी नहीं हैं अपितु बदल गई हैं। आज लड़कियाँ, लड़को के कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं। हर क्षेत्र में लड़कियों की बराबर की भागीदारी है। उन्हें समान अवसर दिए जा रहे है। आज लड़कियाँ प्रतिस्पर्धात्मक खेल खेलती हैं जिसके लिए परिवार प्रोत्साहित करता है। परिणाम यह है कि लड़कियाँ खेल के क्षेत्र में लड़कों से आगे हैं। टेबिल-टेनिस, हॉकी, दौड़ आदि खेलों में बिना किसी संकोच के लड़कियाँ रुचि ले रही हैं।


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